कुछ मामलों में
मैं तुम्हारे ही जैसा हूँ
और कुछ अन्य में
नहीं भी हूँ
जितना तुम जैसा हूँ
उतना होने में
मुझे कोई शर्म भी नहीं है
लेकिन मैं
पूरी तरह
तुम्हारे जैसा
नहीं होना चाहता
क्योंकि तुम
हो चुके हो
और मेरा होना
अभी बाकी है
[2005]
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Author: anileklavya
मैं सांगणिक भाषाविज्ञान (Computational Linguistics) में एक शोधकर्ता हूँ। इसके अलावा मैं पढ़ता हूँ, पढ़ता हूँ, पढ़ता हूँ, और कुछ लिखने की कोशिश भी करता हूँ। हाल ही मैं मैने ज़ेडनेट का हिन्दी संस्करण (http://www.zmag.org/hindi) भी शुरू किया है। एक छोटी सी शुरुआत है। उम्मीद करता हूँ और लोग भी इसमें भाग लेंगे और ज़ेडनेट/ज़ेडमैग के सर्वोत्तम लेखों का हिन्दी (जो कि अपने दूसरे रूप उर्दू के साथ करोड़ों लोगों की भाषा है) में अनुवाद किया जा सकेगा।
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