हम तो पहले ही बता चुके थे तुम्हें
चाँदी के चम्मच की चम-चम
पारो के कंगन की खन-खन
चंद्रमुखी के पायल की छन-छन
पाने का नहीं है तुम में दम-खम
तुम तो देवदास भी नहीं हो
तुम देव-दास भी जो नहीं हो
देव तुम हो नहीं सकते
दास तुम बन नहीं सकते
हम तो पहले ही बता चुके थे तुम्हें
[2009]
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Author: anileklavya
मैं सांगणिक भाषाविज्ञान (Computational Linguistics) में एक शोधकर्ता हूँ। इसके अलावा मैं पढ़ता हूँ, पढ़ता हूँ, पढ़ता हूँ, और कुछ लिखने की कोशिश भी करता हूँ। हाल ही मैं मैने ज़ेडनेट का हिन्दी संस्करण (http://www.zmag.org/hindi) भी शुरू किया है। एक छोटी सी शुरुआत है। उम्मीद करता हूँ और लोग भी इसमें भाग लेंगे और ज़ेडनेट/ज़ेडमैग के सर्वोत्तम लेखों का हिन्दी (जो कि अपने दूसरे रूप उर्दू के साथ करोड़ों लोगों की भाषा है) में अनुवाद किया जा सकेगा।
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Brilliant!
Why don’t you submit your blog on http://www.squidoo.com/Blogroll-India?
(by the way I liked this one better than the Kaka Hathrasi one)
Cheers!